सन 2009 को बॉलीवुड की डिंपल गर्ल प्रीति जिंटा खूब सुर्खियों में आई थी। जब उन्होंने उत्तराखंड के ऋषिकेश में शीशम झाड़ी स्थित मदर मिरेकल स्कूल की 34 अनाथ बच्चियों को गोद लिया था। पालन पोषण सहित उन्होंने उनकी शिक्षा की खर्च उठाने की घोषणा की थी। उस समय स्कूल की संस्थापिका शाइला इत्तेफाम ने ही उन्हें इस बात की सहमति दी थी।
मगर अब हाल ही में उन बच्चियों के बारे में संस्थापिका से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अब शायद प्रीति को यह बात याद भी नहीं है। उनके अनुसार, प्रीति जिंटा ने कहा था कि वह हर साल इनका संपूर्ण खर्च उठाएंगी। मगर कई वर्षों से उन्होंने स्कूल पर अपना कदम भी नहीं रखा है। उनकी इस वादाखिलाफी और उपेक्षा से स्कूल प्रबंधन बेहद खफा है। वह शादी से पहले और बाद में अपने पति के साथ भी स्कूल आई थी।
शाइला इत्तेफाम का कहना है कि "प्रीति जिंटा सिर्फ स्कूल में आती थी और बच्चों के साथ फोटो खिंचवाकर चली जाती थी। इस वजह से वह मीडिया में भी खूब सुर्खियों में रहती थी। उन्होंने कभी भी किसी बच्चे का खर्च नहीं उठाया है और ना ही अब उठा रही है। जब मीडिया ने इस बारे में प्रीति जिंटा से बात करने की कोशिश की तो उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया।
मगर अब हाल ही में उन बच्चियों के बारे में संस्थापिका से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अब शायद प्रीति को यह बात याद भी नहीं है। उनके अनुसार, प्रीति जिंटा ने कहा था कि वह हर साल इनका संपूर्ण खर्च उठाएंगी। मगर कई वर्षों से उन्होंने स्कूल पर अपना कदम भी नहीं रखा है। उनकी इस वादाखिलाफी और उपेक्षा से स्कूल प्रबंधन बेहद खफा है। वह शादी से पहले और बाद में अपने पति के साथ भी स्कूल आई थी।
शाइला इत्तेफाम का कहना है कि "प्रीति जिंटा सिर्फ स्कूल में आती थी और बच्चों के साथ फोटो खिंचवाकर चली जाती थी। इस वजह से वह मीडिया में भी खूब सुर्खियों में रहती थी। उन्होंने कभी भी किसी बच्चे का खर्च नहीं उठाया है और ना ही अब उठा रही है। जब मीडिया ने इस बारे में प्रीति जिंटा से बात करने की कोशिश की तो उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया।